Balu Sariya Cement Price Update:नई GST लागू सीमेंट छारिया और बालू का दाम में हुआ भारी गिरावट

Balu Sariya Cement Price Update: नई GST दरों से सस्ता हुआ मकान बनाने का खर्च

Balu Sariya Cement Price Update: भारत में हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का एक छोटा सा घर हो जहां वह अपने परिवार के साथ सुकून से रह सके। लेकिन पिछले कुछ सालों में बढ़ती निर्माण सामग्री की कीमतों ने इस सपने को कई लोगों के लिए मुश्किल बना दिया था। अब नई जीएसटी दरों के लागू होने के बाद सीमेंट, बालू और सरिया की कीमतों में कमी आने लगी है जिससे घर बनाने वालों के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई है।

नई जीएसटी दरों से हुआ बड़ा फायदा

पहले सीमेंट पर 28 प्रतिशत जीएसटी लिया जाता था जिसमें सेंट्रल और स्टेट दोनों का टैक्स शामिल होता था। अब नई दरों के अनुसार केवल 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा यानी सीधे 9 प्रतिशत की बचत। पहले सीमेंट की कीमत 320 से 340 रुपए प्रति बैग तक पहुंच गई थी लेकिन अब यह घटकर 290 से 300 रुपए प्रति बैग के बीच हो गई है। इस बदलाव से आम उपभोक्ताओं को प्रति बैग करीब 30 से 35 रुपए तक की बचत हो रही है।

बालू और गिट्टी की कीमतों में गिरावट

सीमेंट के साथ बालू और गिट्टी के दामों में भी कमी आई है। पहले जहां 100 स्क्वायर फीट बालू की कीमत 700 से 800 रुपए तक थी वहीं अब यह घटकर 400 से 600 रुपए के बीच मिल रही है। गिट्टी की दरों में भी 10 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। इससे गांव और शहर दोनों क्षेत्रों में मकान निर्माण का खर्च कम हुआ है।

मकान बनाने की लागत में भारी कमी

अगर किसी व्यक्ति को 100 स्क्वायर फीट का मकान बनाना है तो पहले इसमें 70000 से 80000 रुपए तक का खर्च आता था। अब वही निर्माण नई दरों के बाद 65000 से 75000 रुपए में हो रहा है। इस हिसाब से हर व्यक्ति को करीब 10000 से 15000 रुपए की सीधी बचत हो रही है।

100 स्क्वायर फीट मकान में लगभग 35 से 40 सीमेंट बैग, 300 स्क्वायर फीट बालू, 125 स्क्वायर फीट गिट्टी और 1 से 1।2 क्विंटल सरिया का उपयोग होता है। अब इन सभी सामग्रियों के सस्ते होने से निर्माण की कुल लागत पर बड़ा फर्क पड़ा है।

सरिया की कीमत में हल्की गिरावट

हालांकि सरिया की कीमत में बहुत ज्यादा कमी नहीं आई है लेकिन फिर भी बाजार में कुछ राहत जरूर दिखी है। टीएमटी 500 सरिया अब 52 से 54 रुपए प्रति किलो के बीच मिल रहा है जबकि पहले यही 55 से 57 रुपए तक था। टाटा और टिस्को जैसी कंपनियों के सरिया की दरें साइज के अनुसार थोड़ी बहुत अलग हैं लेकिन फिर भी ग्राहकों को औसतन 2 से 3 रुपए प्रति किलो का फायदा हो रहा है।

ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा फायदा

ग्रामीण क्षेत्रों में इस बदलाव का असर ज्यादा दिखाई दे रहा है। क्योंकि वहां लोग खुद ही निर्माण कार्य करते हैं और स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल करते हैं। नए जीएसटी दरों से गांवों में 15 से 20 प्रतिशत तक निर्माण लागत कम हुई है जबकि शहरों में यह कमी 10 से 15 प्रतिशत के बीच है। इससे गांवों में नए घरों और दुकानों का निर्माण तेजी से बढ़ने लगा है।

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