हर इंसान का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो जिसमें वह अपने परिवार के साथ सुकून से रह सके। लेकिन जब बालू, सरिया और सीमेंट जैसे जरूरी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं तो यह सपना कुछ समय के लिए रुक सा जाता है। अब लोगों के लिए राहत की खबर आई है क्योंकि हाल ही में बाजार में इन सभी निर्माण सामग्रियों के रेट में गिरावट देखी जा रही है। इससे आम लोगों के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई है।
बालू के दामों में आई कमी
सितंबर के आखिरी हफ्ते से कई राज्यों में बालू के दाम घटने लगे हैं। पहले जहां एक ट्रॉली बालू का रेट करीब 4500 रुपये था अब यह घटकर लगभग 3800 रुपये तक पहुंच गया है। इसका कारण बताया जा रहा है कि सरकार ने सप्लाई बढ़ाने और रेट पर नजर रखने के लिए नई नीति लागू की है। इस बदलाव से निर्माण कार्यों की लागत कुछ कम हुई है और लोगों को राहत महसूस हो रही है।
सरिया के नए रेट हुए जारी
पिछले कुछ महीनों में सरिया के दामों में भी गिरावट आई है। पहले की तुलना में इस समय सरिया के भाव 3 से 4 रुपये प्रति किलो तक कम हुए हैं। बाजार में चल रहे कुछ प्रमुख ब्रांड के रेट इस प्रकार हैं।
- Tata TMT 12mm – 72 से 75 रुपये प्रति किलो
- Jindal Panther TMT – 70 से 73 रुपये प्रति किलो
- Kamdhenu TMT – 68 से 71 रुपये प्रति किलो
- Shyam Steel – 69 से 72 रुपये प्रति किलो
अगर आप घर या किसी इमारत का निर्माण कराने की सोच रहे हैं तो यह समय आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है क्योंकि सरिया के घटे हुए रेट से कुल खर्च में फर्क पड़ता है।
सीमेंट के दामों में भी मिली राहत
सीमेंट के रेट में भी जीएसटी घटने के बाद कुछ राहत आई है। पहले जहां एक बैग सीमेंट 380 रुपये तक में बिक रहा था अब यह घटकर लगभग 350 रुपये के आसपास हो गया है। अलग अलग ब्रांड की कीमतें इस प्रकार हैं।
- UltraTech Cement – 360 से 380 रुपये प्रति बैग
- Ambuja Cement – 350 से 370 रुपये प्रति बैग
- ACC Cement – 345 से 365 रुपये प्रति बैग
- Dalmia Cement – 340 से 360 रुपये प्रति बैग
- Bangur Cement – 335 से 355 रुपये प्रति बैग
इन रेट्स में बदलाव का फायदा खासकर उन लोगों को मिल रहा है जो अपने घर की मरम्मत या नई इमारत का निर्माण करने की योजना बना रहे हैं।
आम लोगों को मिलेगी राहत
बालू, सरिया और सीमेंट के दामों में कमी आने से अब लोग पहले की तुलना में कम खर्च में अपना घर या दुकान बना पा रहे हैं। हालांकि मजदूरी और ट्रांसपोर्ट चार्ज में थोड़ी वृद्धि जरूर हुई है लेकिन कुल लागत फिर भी कम हो गई है। अगर आने वाले महीनों में सरकार सप्लाई स्थिर बनाए रखती है तो यह राहत आगे भी जारी रह सकती है।